Sunday, 30 December 2012
Tuesday, 25 December 2012
Thursday, 22 November 2012
friends forever.......
मेरी दोस्ती का छोटा सा नजराना है
कुछ अनकही बातों को बतलाना है
कुछ गलतियां हुई थी हमसे पहले जो
कसम खानी है उन्हें ना दोहराना है
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
हर बार बुलानेपे आऊंगा मैं
इस बार SILK ज़रूर लाऊंगा मैं
घरवालों से झूठ ही केहना पड़े तो क्या
तेरे साथ 'GOA' घूमने भी जाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
तुझे परेशान करने वालों (Sumitabh) से बचाऊंगा मैं
बातों से ना माने तो, उन्हें मार के भगाऊंगा मैं
तेरी शादी में उनसे कुर्सियां उठ्वाऊंगा मैं
और झाड़ू-पोछा, बर्तन भी उनसे करवाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
तुम्हें भटकाने वाले तो कई मिलेंगे
पर हमेशा सही राह दिखाऊंगा मैं
तेरी सारी मुश्किलें share करूँगा मैं
तुझे लोट-पोट होने तक हसाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
तू भले ही भूल जाए, ऐ दोस्त मुझे
वादा है, तुझे कभी न भुलाऊंगा मैं
चाहे मीलों दूर, किसी परदेस में भी रहूँ
हर हाल में, अपनी दोस्ती निभाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
Sunday, 4 November 2012
Tuesday, 9 October 2012
Saturday, 29 September 2012
Sunday, 16 September 2012
Monday, 3 September 2012
बहनें.....
एक दफा हर साल में आता "राखी" का त्यौहार ,
सोच रहा था क्या दूँ इस वर्ष अपनी बहनों को उपहार ??
इसी प्रश्न से प्रेरित हैं आगे की कुछ पंक्तियाँ...
बहुत चंचल बहुत खुशनुमा सी होती हैं बहनें
नाज़ुक सा दिल रखती हैं, मासूम सी होती हैं बहनें !!
बात बात पर रोती हैं, झगड़ती हैं, लड़ती हैं, नादान सी होती हैं बहनें
हमारे दिल की हर कही - अनकही बातों को समझ जाती हैं बहनें !!
जो रूठे तो, पूरा घर सर पे उठा लेती हैं बहनें
घर भी महक उठता है, जब मुस्कुराती हैं बहनें !!
पापा की दुलारी, माँ का हर काम में हाथ बँटाती हैं बहनें
दूर हो या पास, हर सुख - दुःख में साथ निभाती हैं बहनें !!
होती है अजीब सी कैफियत, जब मायका छोड़ के चली जाती हैं बहनें
घर लगता है सूना - सूना, कितना रुलाती हैं बहनें !!
पर आज भी इस देश में कन्या का अनादर होता है
कन्या भ्रूण हत्या आज भी कई राज्यों में एक प्रथा है !!
धर्म - जाती और रीति - रिवाज़ों के नाम पर सताया जाता है
दहेज़ के नाम पर उन्हें आज भी मारा - पीटा , जलाया जाता है !!
आओ मिलकर प्रण करें, हम बहनों की रक्षा करेंगे
क्योंकि देश की धरोहर, इश्वर का अनमोल तोहफा, होती हैं बहनें !!
by abhienow & Abhinav Dubey
Friday, 10 August 2012
Isi BEKAERT mein.........
Don't stop your self, come on and reach out.
now this is your chance, come on and reach out.
बिन छेड़े ही बजे झुनझुना , झन्न दिल में सौ guitar
उड़े उड़े होश , खोया खोया चैन और दिखते एक के चार
पी के coffee , नशा चढ़े , और popcorn मारे kick
और stupid सी इन बातों में , यारा दिल ढूंढें logic
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
internet पे हो टिक - टॉक, टिक - टॉक हर रोज़ सुबह शाम
FI PP SD MM लगे फ़िज़ूल काम
यूँही चलते फिरते आजाए इक रोज़ Palak का mail
आगे मस्त life conference room की , लगे ODC इक जेल
इसी बेकार्ट में ...........................
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Abapers डरते Saket से इस कदर सुबह शाम
Communicator पे बार बार चेक करे , कब offline हो उसका नाम
Sumitabh, Kazi, Aarti, Nitya, Kurhade और Vinay
forms,reports, issues से ज्यादा "fun at work" करे
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
Ansar Sheikh - the cool guy रहे updated सदा
नई गाड़ियों , gadgets phones के बारे में उसे सब पता
Meghana madam एक sweet lady, करे सबकी वो फिकर
काम लेने में उन्हें interest है, जल्दी जाना भी है घर
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खुशरू को shirt-in से फुर्सत हो , तो करले थोडा काम
और सुनीता दिनभर ये सोचे , साला BPO है बदनाम
Afsar miyan तो घंटों अफसर मियाँ तो घंटों तक हो facebook पर भिड़े
और सरथ नायर तो Mindworks के सारे सिक्के ले उड़े
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Adam saikia the dedicate, करे 24 घंटे काम
कोई पूछे उससे घर का पता, दे Yantra park का नाम
Sagar sontakke के जैसा, ना यहाँ किसीको ज्ञान
abapers जो गलती करे, तो लेले उनकी जान
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Somadri इक बंगाली बाबु, बांबू से परेशान
वो पानी को भी पीता है, उसे genders ना पता
Gupta Ritu एक नौटंकी, the Belgium return girl
E-sourcing से भी ज्यादा है उसे canteen की फिकर
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Annette Antony के जलवे ऐसे के उसपे सब फ़िदा
सोचे Manchester से आई वो, ना जाने क्यूँ India.
Jeevan Manchipollu का नाम लेना सबको न आए
और Sajith Nair की हरकतें, यहाँ सबको है भाएं
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Seema rane - the niche resource, वो client को चुप करे
Kumari Archana की presence से, पूरा conference रूम डरे
Anam Ali एक भोली भाली, पर अक्ल से थोड़ी मंद
उसे basis की परवा नहीं, और Dhaval ना पसंद
इसी बेकार्ट में ...........................
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Rinku Chandok - the delhi girl, मिले सबसे वो हँसकर
यहाँ पे beauty और brains का, वो है एक deadly mixture
Shailendra Singh - the muscular, करे बातें बड़ी सटीक
और Ashutosh की दोस्ती, उसे लगती सबसे ठीक
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Mohile Nikhil - China return, करे काम spontaneous
शायद उन्हें भी पता नहीं, his smile's contagious
Sai,Tarpan और Pravee, काम करते थे गुमसुम
पर high importance के आने से, मची SD में भी धूम
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
Abhay Desai के चेहरे पे, हो हलकी सी एक हसी
इतना बड़ा account चालानेकी, यारों यही है policy
यहाँ सबसे अलग Kotian Palak - the most approachable
करे हसी - मस्ती और काम भी, now that's applausible.
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
जिसके आने पूरे account का, है माहोल बदला सा
और कोई नहीं, वो नाचीज़ है, है नाम Abhinav Mishra.
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
इसी बेकार्ट में ...........................
Sunday, 5 August 2012
JPC (Junior PlaceComer)
सीनियर मुझसे बोला , ये गलती है तेरी
PlaceCom में जिंदगानी मुश्किल है बड़ी
Management और Batch के हाथों की तू कठपुतली बन के
नाच नाच नाच नाच ...
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Company आयी Company आयी Company आयी Company आयी उसकी HR के आगे पीछे भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Lecture कर ना पाए , Number भी कम तेरे आये
Lecture कर ना पाए , Number भी कम तेरे आये
ऊपर से .... Grade-loss भी तू सहे
Pathak का सहारा , Pappachan Sir का इशारा
है तब तक... , तू ऑफिस में रहे
Management का खेला, है DCP का झमेला
जिसमें तुम... , बिन कारण हो फसे
करे हड़ताल तेरे सीनियर, लड़े Director से जमकर
अंत में पर... , सब तुझपर ही हसें
SPC's डराते थे , D-bar कर देंगे तुझे
उनकी ऐसी धमकी सुन के, तेरे मुह से निकले जैसे
झाग झाग झाग झाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Company आयी Company आयी Company आयी Company आयी उसकी HR के आगे पीछे भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Guest Lecture में गर्दी , पहने Place-Comer की वर्दी
तू बच्चों पे... , चिल्लाये और चीखे
College कहने को है Premier , जागे बच्चे रात -दिन भर
यहाँ फिर भी... , सब Global ही सीखे
तू खुदको समझे गुंडा , देना नौकरी तेरा धंदा
है लेकिन... , तू सब पे रोब दिखाए यूँ
Teachers हैं परेशां, Group में काम तू करे ना
हर दम पर... , तू D-bar है कहता क्यूँ
इस B-School के बच्चे, बस पीने में अच्छे
पीकर टल्ली होने पर, फिर उनके मुह से निकले एक ही
राग राग राग राग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Company आयी Company आयी Company आयी Company आयी उसकी HR के आगे पीछे भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Placement Week की कहानी , है वैसे तो पुरानी
पर हर साल ..., नयी तरह से लिखते है
काफी लम्बी हो तैयारी , ढेर सारी ज़िम्मेदारी
कुछ रोते... , कुछ हस्ते चेहरे दिखते हैं
काफी लम्बी हो तैयारी , ढेर सारी ज़िम्मेदारी
कुछ रोते... , कुछ हस्ते चेहरे दिखते हैं
Companies को कमरे दिलाये , Hospitality दिखाए
तू दिन-भर , Control desk पे हो खड़े
HR भेजा खाएं , Volunteers तू ना पाए
तुझ से हैं , सबके expectations बड़े
ये काम ना ख़तम होगा, batch-size नहीं कम होगा
इस Committee में आ करके, तुने लगा ली अपनी Social-life में
आग आग आग आग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Company आयी Company आयी Company आयी Company आयी उसकी HR के आगे पीछे भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
आग आग आग आग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
Company आयी Company आयी Company आयी Company आयी उसकी HR के आगे पीछे भाग
भाग भाग Junior Place-Comer, Place-Comer Place, भाग भाग Junior Place-Comer भाग
.....abhienow
Note : श्रोताओं से निवेदन है, वो गाने को पढ़ कर नहीं गाकर उसका आनंद लें!!!
Wednesday, 28 March 2012
Friday, 23 March 2012
चलो ....... मेरा घर आ गया !!!!!
किसी ऐसे हमसफ़र की याद में लिखे गए ये चंद शब्द, उन छुपे हुए एहसासों को दर्शाते हैं, जिन्हें हम समय रहते ना समझ पाए और आजतक गुमशुदा तन्हाइयों में अपने सिसकते दिल की आहात को छुपाते , इस नीरस बेजान से जीवन को व्यतीत कर रहे हैं .
नवम्बर 5 के friday का वो पहला मेसेज
“तुम निकल गए ” पुछा हमें इस अदा से ,
के Golmaal 3 छोड़ी हमने थी आधी
और पहुंचे थे स्टेशन बड़ी जल्द - बाजी .
वो अक्रम से मिलने था Mahim जो जाना
और Andheri में फिर वडा -पाव खाना ,
गए उसको फिर छोड़ने उसके घर तक
तभी से बने हमसफ़र बोर्डर तक .
दिसम्बर से की फिर शुरू छेद -खानी
की अक्रम ने हमपे बड़ी मेहेरबानी ,
बुलाता रहा वोह उसे King-circle
जहाँ साथ जाते थे हम भी दर -असल .
यूँ लोकल में पहली दफा लेके चढ़ना
और डब्बे में लोगों का बेहद झगड़ना ,
खड़े होना दरवाज़े पे यूँ संभलकर
के धक्का लगे उसे अजनबी का .
मिला हमको कारण और बदल दिया रास्ता
थी आरती पे नज़रें और भाड़ा था सस्ता ,
साथ आरती के वो जाया करती थी गुमसुम
हमारे होने से हंसने लगी फिर वो हरदम .
एक दिन उनका मीठा खाने की ख्वाहिश जताना
और Tunga-Vihar से मेरा pastry खिलाना ,
इतने पर भी उन्हें चोकलेट फ्लेवर ना भाना
तब भी बोर्डर पे आके उनका शुक्रिया केह जाना .
करे काम ज्यादा हो दिन भर busy वो
इबादत का भी वक़्त मिलता कभी कभी ना ,
उसपे भी Basis के ऐन्वई के लफड़े
करे थर्किबाज़ी Dhaval वो कमीना .
वो खिल खिल के हँसना ,ख़ुशी से मचलना
चिढाने पे मेरे वो झट से भड़कना ,
वो कैंटीन के झगडे ,फिर रूठना मनाना
और Somadri को अकेले ice-cream खिलाना .
कहा एक दिन उसको लुखी था मैंने
थी मुझपे वो भड़की तभी इस कदर से ,
के चलना नहीं आज तुम साथ मेरे
कहा सबके आगे बिना कुछ झिझक के .
हुई मुझसे गलती जो मैंने ना मानी
लगा मैंने तो की थी बस एक शैतानी ,
लिया उसने दिल पर और बदले की ठानी
दिया झटका ऐसा हुई सबको हैरानी .
मुझको दी मेरे release की खबर
और कहा शादी होगी उसकी इसी दिसम्बर ,
लड़का हुआ पक्का उसे देखने आ रहा है
मेरे release की खबर Abhay Palak से बता रहा है .
सुनकर उड़े होश , होगा अब मुझे भी जाना
नयी जगह जाके होगा नए दोस्त बनाना ,
bekaert में जिससे लड़े बिना मेरा दिन ना गुज़र पाया
उससे दूर होने के ख्याल से ही मेरा मन घबराया .
महीनों साथ बैठे conference room की याद तो आई
पर उससे भी ज्यादा , दूर बैठी एक पागल दोस्त की फ़िक्र सताई ,
दुःख था के bekaert में हुआ मस्ती और मज़ा याद आएगा
पर उससे भी बड़ा गम था के मेरा चलो ......मेरा घर आ गया !!!! का सफ़र छुट जायेगा .............
Wednesday, 14 March 2012
दो शब्द : ज़िन्दगी के
आखिर वो रौशनी कहाँ है, जिसको युवा ढूंढ रहा है
Rat-Race में फसा हुआ है , internet में धसा हुआ है
दिखावटी जग -मग में शायद , वो खुद को ही भूल रहा है
धुंद नशे, गांजे की रेशमी झूले में वोह झूल रहा है
disco जाना भी है ज़रूरी , और शराब पीना मजबूरी
smoke , dope पे है आधारित , व्यक्तित्व का मापदंड भी
अंग -प्रदर्शन की होड़ लगी हो , ऐसा लागे हर युवा को
कपडे जितने कम पहने हो , सामाजिक स्टर उतना ऊँचा हो
बड़ों का आदर , छोटों को दुलार , अब तो लगे down - market यार
तू-तड़ाक , सबसे मज़ाक, लगे अच्छे इन्हें पश्चिमी संस्कार
नित affair की बातें करते, इश्क मोहब्बत खेल से लगते
Flip -Flops से हैं सारे रिश्ते , पल में बनते झट से बिगड़ते
सदियों से चली आ रही परम्पराएं , विलुप्त होने की कगार पर खड़ी हैं
सामाजिक नियमों को बंधन कहके मिटाने में ये पूरी पीढ़ी पड़ी हैं
आज का युवा , कठिनाईयों से लड़ने के तो काबिल है
पर computer के घोर असर से , उपकरण बना उसका दिल है
मंजिल को जल्द पाने की आपा धापी में , रास्ते का लुत्फ्ज़ उठाना ही भूल चूका है
ढोंग ढकोसले की चका -चौंध से भ्रमित , सात्विकता से जीना ही भूल चूका है !!
ऐसी कौनसी "SUCCESS" पानी है, ऐसे किस "CAREER" में जाना है
ऐसा क्या है इन दो शब्दों में, के हर युवा इनका दीवाना है !!!
Thursday, 1 March 2012
Valentine
इतनी शिद्दत से, पेहली दफा उनको देखा
के उनके चेहरे से अपनी नज़रें तो हटा लीं,
पर अपनी आँखों से उनका चेहरा न हटा सके हम !!!
यूँही साथ उनके चले दो कदम जो
लगा राह मीलों की तय कर चुके हम
छुआ हाथ गलती से स्टेशन पे उनका
लगा दूर दुनिया में है जा चुके हम
दिया फूल उनको बड़ी कशमकश से
लिया जो उन्होंने बिना कुछ झिझक के
कहा दिल ने मौका है कह दे जो कहना
गया तू जो IMT, तो रह जाएगा वर्ना
जुबां पर है ताले , तो मुह कैसे खोले
निहारे उसी को बिना कुछ भी बोले
हुआ इल्म कहना बड़ा ही है मुश्किल
तभी एक नुस्खा हमें भी गया मिल
लिया काम नज़रों का , करके इशारे
वोह शरमाई हलके से , और यूँ ‘ धत्त ’ कहा रे
बिना कुछ कहे ही हुआ सब मुकम्मल
उसी वक़्त टूटा वो सपना दरअसल
आगे का किस्सा कभी और सुनायेंगे
नींद आने भर की देर है ,
सपने तो कमबख्त और भी आएँगे !!!
सपने तो कमबख्त और भी आएँगे !!!
....abhienow
Monday, 20 February 2012
Section D
बला का हुस्न, गज़ब का शबाब; डी में है!
वो लाल रंग का चश्मा, बड़ा गज़ब धाता
किसी भी रंग का पोशाक, उसपे है भाता
मगर वो श्वेत से रंग में, लगे परी आई
उसे यूँ देख लगे, अक्ल मेरी भरमाई !!
बड़ी अदा से क्लास में, है लेते अंगडाई
वो मु छुपा के लेते, ऐसे जम्हाई!
के जैसे सुर्ख सी आँखों में हो, नमी आई
हो बाद चेहरे पे हल्की-सी, इक हंसी छाई!!
वो मुस्कुराके जो देखे, तो रुत बदल जाए
उसे ही देखके, मेरी तोह क्लास कट जाए
के ऐसे हुस्न की काया, मेरे करीब में है
वो कई बार हटाये, अपने चेहरे से लट
सिन्दूरी ग्लास से खेले, कभी कभी नटखट
नज़ाकतों की यह मूरत, मेरे रकीब में है!!
अदा से सोते हुए देखा, बड़ी ही गौर से यूँ
मचल रही हैं मेरे, दिल की धडकनें भी क्यों!
के उसकी बंद नज़र को, नज़र न लग जाए
खुदा करे, के मेरा ध्यान कहीं बंट जाए!!
वो है बगल में मेरे, फिर भी कितनी दूरी है
शफाक नूर से, दूरी भी तो ज़रूरी है!
लगे है डर, उसे तोहमत कहीं न लग जाए
भरी महफ़िल में खता, हम, कोई ना कर जाए!!
मेरी नज़र से जो देखो, तो ये समझ आए
हया की लाली में, तसव्वुर की झलक मिल जाए!
यहाँ नज़र की नहीं, नज़रिए की ज़रूरत है
उसे पता ही नहीं, वोह कितनी खूबसूरत है!!
है सारी खूबियाँ उसमें, फिर भी इंसां है
उसे तराशा यूँ किसने, खुदा भी हैरां है!
ये शक्श इश्क नहीं, इबादत के काबिल है
है खुशनसीब, जिसको भी वोह गया मिल है!!
बला का हुस्न, गज़ब का शबाब; डी में है
है शुक्रिया ऐ खुदा, उसके हम रकीब में है !!
....abhienow
Thursday, 16 February 2012
MANGO PEOPLE (आम जनता )
बात कुछ इस तरह शुरू हुई थी, के किसी ऋषि ने अपने उपदेश्य में कहा था के
" स्त्री घर की लक्ष्मी होती है, और यदि किसी पुरुष की स्त्री पागल हो, तो सभी धन वैभव होने के पश्च्यात भी वह भिकारी है "
इसी से शुरू होती हुई कुछ पंक्तियाँ लेकर उपस्थित हैं ...
जिसकी पत्नी हो पागल , वो कैसे भिकारी है
उसका नसीब तो दोस्तों , हम सभों से भारी है
यहाँ तो हर सुबह
नास्ते में बीवी की डांट
रास्ते में भीड़ की झपाट
ऑफिस में फाइलों से भरा कपाट
और महंगाई से जेब के पैसे सपाट
मुसीबतों का मारा
करे तो भला कैसे
इस भ्रष्ट देश में गुज़ारा .
जहां हर सरकारी दफ्तर में
कामचोरी है , घूसखोरी है और
इमानदारों संग सीना जोरी है .
समाज सेवकों का है आमरण अनशन
नेताओं के खोखले भाषण
"Coalition Government" का नपुंसक साशन
फिर भी आम आदमी को नहीं मिलता पर्याप्त राशन .
ये देश परमाणु विज्ञान में तो तरक्की कर रहा है
लेकिन आज भी यहाँ गरीब का बच्चा भूख और मुफलिसी से मर रहा है
अंग्रेजी भाषा का अध्ययन करना आज कल अनिवार्य है
और राष्ट्रभाषा के विद्वान को मिलता नहीं कहीं कार्य है
हर किसी को बस अपनी जेब भरने से नाता है
आग लगे देश को मेरे बाप का क्या जाता है
जिस सरकार को हमने चुना , वो तो हाथ पर हाथ धरे बैठी है
आग बुझाना तोह दूर , उसमें घी उड़ेलती रहती है .
सब यही कहते हैं के असहाय देश की जनता भला क्या करेगी
और नेताजी का कहना है
“सारी समस्याएं अभी सुलझा दी
तो हमारी पार्टी अगले इलेक्शन में किन मुद्दों पर लड़ेगी ”
ये कैसी विडम्बना , ये कैसा अट्टाहास है
लोकतंत्र के रखवालों की , बुझती नहीं क्यों प्यास है
आम आदमी का सपना है ,इक ऐसा भी दिन आएगा
जब कोई नेता यह कहे "आज मेरा उपवास है, आज मेरा उपवास है"!!!
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