मेरी दोस्ती का छोटा सा नजराना है
कुछ अनकही बातों को बतलाना है
कुछ गलतियां हुई थी हमसे पहले जो
कसम खानी है उन्हें ना दोहराना है
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
हर बार बुलानेपे आऊंगा मैं
इस बार SILK ज़रूर लाऊंगा मैं
घरवालों से झूठ ही केहना पड़े तो क्या
तेरे साथ 'GOA' घूमने भी जाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
तुझे परेशान करने वालों (Sumitabh) से बचाऊंगा मैं
बातों से ना माने तो, उन्हें मार के भगाऊंगा मैं
तेरी शादी में उनसे कुर्सियां उठ्वाऊंगा मैं
और झाड़ू-पोछा, बर्तन भी उनसे करवाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
तुम्हें भटकाने वाले तो कई मिलेंगे
पर हमेशा सही राह दिखाऊंगा मैं
तेरी सारी मुश्किलें share करूँगा मैं
तुझे लोट-पोट होने तक हसाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
तू भले ही भूल जाए, ऐ दोस्त मुझे
वादा है, तुझे कभी न भुलाऊंगा मैं
चाहे मीलों दूर, किसी परदेस में भी रहूँ
हर हाल में, अपनी दोस्ती निभाऊंगा मैं
जब तक है जाँ, जब तक है जाँ !!!
4 comments:
Bhai....this has to be the most amazing thing i've ever read in my life...bc..screw the fact that this is ur official blog and I can't use expletives.. but fuck.. what talent!!!! dude...hats off to ur creativity..i mean.. u blended all the things which happend in the past 2 years in this poem...dude..tum rock karte ho..Respect :D
MIshreeeeee thank you for the sweetest gift.. It is better than SILK :P :D
Apne doston ke liye sochte ho itna acha,
Apne doston par likhte ho itna acha,
Salaam hai mishra ki poetry ko
Jab tak hai jaa, jab tak hai jaa !!!
Hi Hi Ha Ha :)
@ankit :kya baat hai
humari sanghat mein aap bhi shayar ho liye
shukriya !!!
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